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हनुमान देह रक्षा मंत्र – शरीर रक्षा मंत्र- प्राण रक्षा मंत्र
कुशासन, रेशमी आसन, ऊनी आसन, म्रगचर्म आसन या व्याघ्र चर्म आसन में से साधना के अनुकूल आसन का चयन करें।
अप्सरा साधना के नियम - यक्षिणी के साधना के नियम
अप्सरा साधना को सिद्ध करने के लिए निम्नलिखित तरीके अनुसार चरणों का पालन किया जाता है:
The main element to productive apply lies in comprehending the energies involved, location crystal clear intentions, and keeping stability in a single’s lifetime.
Reply Jothimurugan A October thirty, 2019 Please support me to show negatively turned apsara sadhana to optimistic. Share me your cell ,whatapp or e-mail please . Why not replying me? Remember to reply me
कुछ साधक अप्सराओं के साथ शारीरिक संबंध की कल्पना करने लगते हैं, इसलिए ऐसी भावनाओं से बचें, क्योंकि ऐसी भावनाएँ साधना को असफल बना सकती हैं।
उम्मीद है कि ये नियम आपके लिए उपयोगी सिद्ध होंगे।
रूपवती: अप्सराएं रूपवती और आकर्षक होती हैं। उनके सौंदर्य, शर्म और मनोहारी चर्म से वे लोगों को मोहित करती हैं।
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कार्य और सेवाएं: अप्सराएं स्वर्गीय देवताओं की सेवा करती हैं और उनके साथ नृत्य, संगीत और आनंद लेती हैं। उनका मुख्य कार्य स्वर्ग में साधकों को आनंदित करना होता है। परी भी देवताओं की सेवा में लगी रहती हैं, लेकिन here उनका कार्य संतोष, समृद्धि और सुख के प्रदान में होता है।
आत्म-समर्पण और सेवा: साधक को आत्म-समर्पण और सेवा की भावना से साधना करनी चाहिए। इसके माध्यम से साधक अप्सरा देवियों के संग संवाद करते हैं और उनसे आध्यात्मिक ज्ञान प्राप्त करते हैं।